डीजीसीए टिडि्डयों से निपटने के लिए पायलटों को दिशा-निर्देश भी जारी कर चुका हैगुड़गांव के डीएलएफ फेज-1 तक पहुंचा टिड्डियों का दल, हवा का रुख बदला तो रास्ता बदला
दैनिक भास्करJun 27, 2020, 10:21 PM ISTनई दिल्ली. हरियाणा के नारनौल, रेवाड़ी, गुड़गांव से होते हुए टिड्डी दल दिल्ली-एनसीआर रीजन में पहुंच गया है। टिड्डी अटैक को देखते हुए आईजीआई एयरपोर्ट को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वहीं, राहुल गांधी ने सरकार से कहा है कि टिड्डी अटैक में जिन किसानों और राज्यों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें मदद दें।
राहुल गांधी का ट्वीटः
टिड्डी दल पहले ही हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में फ़सल को नष्ट कर चुकी हैं।इस आपदा से पीड़ित किसानों और राज्यों को केंद्र सरकार से सहायता मिलनी चाहिए।https://t.co/RNKMzq1o6h
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 27, 2020
हवा का रुख बदलने से रास्ता बदला
शनिवार को गुड़गांव के डीएलएफ फेज-1, एमजी रोड के साथ नेशनल हाईवे- 8 के पास टिडि्डयों के झुंड देखे गए। यह हाईवे दिल्ली और गुड़गांव को जोड़ता है। इसके चलते एयरपोर्ट को हाई अलर्ट पर रखा गया था, क्योंकि टिडि्डयों के झुंड के कारण संचालन प्रभावित हो सकता था। हालांकि, हवा का रुख मुड़ जाने पर टिडि्डयों का दल दूसरी ओर मुड़ गया।
हरियाणा के सीएम बोले- किसानों को घबराने की जरूरत नहींहरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा- टिड्डी दल के हमले की सूचना के मद्देनजर जिला प्रशासन और कृषि विभाग पड़ोसी राज्यों के संपर्क में है। सरकार ने अपने स्तर पर तैयारियां पहले से कर रखी थी। ऐसे में किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है।
डीजीसीए के निर्देश
पिछले महीने डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने टिडि्डयों के अटैक को देखते हुए एक गाइडलाइन जारी की थी। एविएशन रेगुलेटर ने एक बयान में कहा था कि टिड्डियां आमतौर पर वायुमंडल के निचले स्तर पर पाई जाती हैं। इसलिए लैंडिंग और टेक-ऑफ में हवाईजहाज के लिए खतरा पैदा करती हैं।
सभी पायलटों को बताया जाएगा कि कहां पर टिड्डी अटैक हुआ है। जिस जगह पर टिड्डी अटैक हुआ हो वहां, जहां तक संभव हो फ्लाइट ऑपरेट न की जाए।
रात में टिडि्डयां नहीं उड़ती हैं। ऐसे में टिड्डी अटैक वाली जगहों पर रात में ही लैंडिंग और टेक-ऑफ किया जाए।
विंडशील्ड (सामने का शीशा) पर टिड्डी के टकराने पर वाइपर मत चलाएं। इससे दाग और फैल सकता है और लैंडिंग व टेक-ऑफ में दिक्कत हो सकती है।
पायलटों से कहा गया है कि अगर आप किसी टिड्डी अटैक के बीच में आते हैं तो सामने आने वाली परेशानियों को रजिस्टर कराएं। इंजीनियरों से पूरा प्लेन चेक कराएं।
जब एयरोप्लेन खड़ा हो तो रख-रखाव करने वाली एजेंसी इस बात का ध्यान रखें कि विमान में एयर पासिंग के सभी छेद ढके हों, नहीं तो उनमें टिडि्डयां जमा हो जाएंगी।